OUTRO (ISRO)
Lyrics
खत्म हो चुका है सब
तुझको भी मिल ना वक़्त
मुझको भी पता था सब
की खत्म हो चुका है सब
ये नई है उड़ान मेरी
आज नई है पहचान मेरी
क्या होना कल फर्क नही मुझे
तू बस कलम सम्भल तेरी
मुझे नि आना mainstreem
और गाना है किसी के साथ
में होना underground
ये ही मेरा इतिहास
माना हो में underrated
पर रहता में updated
कलम रखता भारी और
सियहि मेरी lightweighted
में करता मेरी बात और इन्हें लगे
जैसे हो में कलाकार आज
सोच मेरी रही brighter
इस लिये ही तो आज में wirter
छोटू भी तो यही कहे बेटा
हर चीज़ को खुदसे try
पहले लिखना नी आता था
लगता था सबके बीच मे डर
और आज लिखता ऐसा की
सब को लगे में हो निडर
निकला हमेशा काम
ऐसा करके
आज हाथ मे मेरे कलम
तो इनको लगे पूरे मेरे खर्चे
नही होते है
रात verse को लिख के
हम दिन में उन्हें संगीत में ढो ते है
सोते है मेरा अंदर आज भी तकलीफों में
भी खुशियां साथ कि
ये मेरी शायरी मेरे ही बुरे हालात
की
पर अब नही क्योकि
आज सपनो में मुझे फिर से मेरे अपनो की मुझे याद आयी थीं
खत्म हो चुका है सब
तुझको भी मिल ना वक़्त
मुझको भी पता था सब
की खत्म हो चुका है सब
ये नई है उड़ान मेरी
आज नई है पहचान मेरी
क्या होना कल फर्क नही मुझे
तू बस कलम सम्भल तेरी
करते रे मुझसे तू hate
नही दूंगा में तुझे target
चलते रे सामने मेरे देख हो रहे
कितने बड़े हाथ मेरे तेरे एरिया के लोग जाने मुझे
तेरे भाई लोग भी पहचाने मुझे बोले
छोटू लाला कौन है सलाम ठोकते जानी मुझे
सलाम ठोकते जानी मुझे
The private folder
Outro isro
खत्म हो चुका है सब
तुझको भी मिल ना वक़्त
मुझको भी पता था सब
की खत्म हो चुका है सब
ये नई है उड़ान मेरी
आज नई है पहचान मेरी
क्या होना कल फर्क नही मुझे
तू बस कलम सम्भल तेरी
मुझे नि आना mainstreem
और गाना है किसी के साथ
में होना underground
ये ही मेरा इतिहास
माना हो में underrated
पर रहता में updated
कलम रखता भारी और
सियहि मेरी lightweighted
में करता मेरी बात और इन्हें लगे
जैसे हो में कलाकार आज
सोच मेरी रही brighter
इस लिये ही तो आज में wirter
छोटू भी तो यही कहे बेटा
हर चीज़ को खुदसे try
पहले लिखना नी आता था
लगता था सबके बीच मे डर
और आज लिखता ऐसा की
सब को लगे में हो निडर
निकला हमेशा काम
ऐसा करके
आज हाथ मे मेरे कलम
तो इनको लगे पूरे मेरे खर्चे
नही होते है
रात verse को लिख के
हम दिन में उन्हें संगीत में ढो ते है
सोते है मेरा अंदर आज भी तकलीफों में
भी खुशियां साथ कि
ये मेरी शायरी मेरे ही बुरे हालात
की
पर अब नही क्योकि
आज सपनो में मुझे फिर से मेरे अपनो की मुझे याद आयी थीं
खत्म हो चुका है सब
तुझको भी मिल ना वक़्त
मुझको भी पता था सब
की खत्म हो चुका है सब
ये नई है उड़ान मेरी
आज नई है पहचान मेरी
क्या होना कल फर्क नही मुझे
तू बस कलम सम्भल तेरी
करते रे मुझसे तू hate
नही दूंगा में तुझे target
चलते रे सामने मेरे देख हो रहे
कितने बड़े हाथ मेरे तेरे एरिया के लोग जाने मुझे
तेरे भाई लोग भी पहचाने मुझे बोले
छोटू लाला कौन है सलाम ठोकते जानी मुझे
सलाम ठोकते जानी मुझे
The private folder
Outro isro
Writer(s): CHOTU LALA
Copyright(s): Lyrics © O/B/O DistroKid
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